odisha me ghumne ki jagah top 5 – travel guide by mannu meena

odisha me ghumne ki jagah – उड़ीसा भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक सुंदर और सांस्कृतिक रूप से सम्पन्य राज्य बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा हुआ है और अपनी ऐतिहासिक धरोहर प्राचीन मंदिरों समुद्र तट और जनजातीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है  उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर है और यहां पर बोली जाने वाली प्रमुख भाषा उड़िया है उड़ीसा का इतिहास बहुत पुराना है प्राचीन काल में इसे कलिंग कहा जाता है अशोक महान ने इसे 261 ईसा पूर्व में कलिंग युद्ध लड़ा था जिसके बाद उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया यहां पर जगन्नाथ पुरी स्थित है जिसमें प्रति वर्ष रथ यात्रा  निकली जाती है और जगन्नाथ पुरी में घूमने के लिए प्रति वर्ष करोड़ की संख्या में भक्ति यहां पर जाते हैं इसके अलावा यहां पर

कोणार्क मंदिर जिसे विश्व हेरिटेज साइड घोषित किया गया है कोणार्क  मंदिर आपको उड़ीसा में देखने को मिलता है उड़ीसा की सांस्कृतिक पहचान उसका ओडिसी नित्य जो भारत के शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक है यहां की रथ यात्रा दुर्गा पूजा और मकर संक्रांति जैसे त्योहार यहां पर बड़ी धूमधाम से मनाये जाते हैं अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहे क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको odisha me ghumne ki jagah से संबंधित सारी जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराएंगे

🌟 1. पुरी (Puri) – odisha me ghumne ki jagah

पुरी भारत के उड़ीसा राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है और टूरिस्ट प्लेस है जहां पर आपको जगन्नाथ पुरी मंदिर देखने को मिलता है जो भगवान जगन्नाथ के बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है यह चार धाम तीर्थ में से एक है यहां पर साल में एक बार रथ यात्रा भी निकाली जाती है पूरी में इसके अलावा यहां पर समुद्र तट भी है पुणे को  पूरी का बीच काफी ज्यादा पॉपुलर है जहा सूर्य उदय और सूर्य अस्त के समय काफी अच्छा लगता है पुरी उड़ीसा की संस्कृति को धार्मिक राजधानी है यहां का डांस और भोजन विशेष रूप से मंदिर का महाप्रसाद काफी ज्यादा प्रसिद्ध है अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको पूरी घूमने के लिए भी जरूर जाना चाहिए

🌞 2. कोणार्क (Konark) – odisha me ghumne ki jagah

कोणार्क पूरी से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है जो अपने सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है यहां कोणार्क मंदिर 13वीं शताब्दी में गंगा वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम द्वारा निर्मित सूर्य मंदिर है मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है और भगवान के रथ के रूप में डिजाइन किया गया है जिसमें 12 विशाल पहिए और सात घोड़े हैं इस मंदिर की वस्तु कला कालिंग शैली की है और नकाशी विशेष रूप से नित्य मूर्ति कला और कामुक चित्रण का मिश्रण है कोणार्क सूर्य मंदिर भारतीय मंदिर वास्तुकला का मिश्रण माना जाता है यहां का कोणार्क मंदिर में सावन के महीने में मनाया जाता है जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है कोणार्क समुद्र तट पर है जिसकी वजह से यहां पर और ज्यादा मजा आता है अगर आप पूरी घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह जगह घूमने के लिए अभी जरूर जाना चाहिए

🌊 3. चिल्का झील (Chilika Lake) – odisha me ghumne ki jagah

चिल्का झील उड़ीसा के पुरी के संमीप वसी एशिया की सबसे बड़ी विशालकाय पानी की झील है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जानी जाती है बंगाल की खाड़ी से 1100 किलोमीटर की झील सर्दियों में फ्लेमिंग पेलिकन और अन्य प्रवासी पक्षियों का ठिकाना होती है जबकि सर्दी में इरावती डॉल्फिन टूरिस्ट को आकर्षित करती है यही पर इस्तित  मंदिर इसकी शोभा बढ़ाते हैं यह जगह वोटिंग करने के लिए पक्षियों को देखने के लिए और सुबह शाम काफी अच्छी लगती है अक्टूबर से मार्च का समय और नवंबर से फरवरी इसे स्वर्ग के समान स्थान माना जाता हैअगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह जगह घूमने के लिए भी जरूर जाना चाहिए

🛕 4. भुवनेश्वर (Bhubaneswar) – odisha me ghumne ki jagah

भुवनेश्वर ओडीशा की राजधानी है मंदिरों का शहर है भुवनेश्वर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जो अपनी प्राचीन वास्तुकला धार्मिक और संस्कृति के संगम के लिए जाना जाता है भुवनेश्वर में आपको लिंगराज मंदिर 11वीं शताब्दी का भगवान शिव को समर्पण मंदिर कालिंग वास्तुकला का उत्कर्ष नमूना देखने को मिलता है इसके अलावा मुक्तेश्वर मंदिर दसवीं शताब्दी का मंदिर अपनी जटिल बनावट के कारण जाना जाता है राजा रानी मंदिर अपनी अनोखी मूर्तियों के लिए जाना जाता है इसे प्रेम का मंदिर भी कहा जाता है अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको भुवनेश्वर घूमने के लिए भी जरूर जाना चाहिए

🌳 5. नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क – odisha me ghumne ki jagah

नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क  कंजिया झील के किनारे बसा भारत के सबसे खूबसूरत चिड़ियाघरों में से एक है जो लगभग 437 हेक्टर में फैला हुआ है यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है और इसे 1960 में बनाया गया था इसे आनंद का बगीचा भी कहा जाता है और सफेद बाग़ बंगाल टाइगर घड़ियाल और सबसे अधिक पक्षी प्रजातियों का यह घर है जहां जीप सफारी देखने को आपको मिल जाएगी अगर आप उड़ीसा घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको इस जगह घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए अक्टूबर से मार्च का समय यहां शहर के लिए अच्छा माना जाता है और आप अपनी आवश्यकता अनुसार किसी भी मौसम में यहां पर यात्रा कर सकते हैं

उड़ीसा घूमने के लिए कब जाएं – odisha me ghumne ki jagah

उड़ीसा घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है इस दौरान मौसम काफी ज्यादा ठंडा रहता है जो 15 से 30 डिग्री रहता है और मंदिर दर्शन करने के लिए अच्छा माना जाता है नवंबर से फरवरी के बीच चिल्का झील पर प्रवासी पक्षी देखने को मिलते हैं और जून और जुलाई के दौरान पूरी में रथ यात्रा निकाली जाती है लेकिन गर्मी और भीड़ रहती है मानसून जुलाई सितंबर से आते हैं और हरियाली भी रहती है आप अपनी आवश्यकता अनुसार यहां पर घूमने के लिए जा सकते हैं

निष्कर्ष  – odisha me ghumne ki jagah

दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको बताया है उड़ीसा के बारे में उड़ीसा किस समय उड़ीसा घूमने के लिए हमें ब जाना चाहिए और उड़ीसा में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह हैं अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगता है और इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया है कि उड़ीसा में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह हैं तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल odisha me ghumne ki jagah कैसा लगा धन्यवाद

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